फ़िल्म: द ट्रेन (1970)
संगीतकार: आर.डी.बर्मन
गीतकार: आनंद बक्षी
गायक/गायिका: मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर
मुझसे भला ये काजल तेरा
नैन बसे दिन-रैन
नि सोनिए, नि सोनिए
ओ छोड़ बेदर्दी आंचल मेरा
हो गई मैं बेचैन
वे सोनेया, वे सोनेया
नाम की तू है मेरी सजनिया, नाम का मैं हूं तेरा पिया
रेशमी लट से खेले ये गजरा, दूर से तरसे मेरा जिया
ना ना, हां हां
तौबा, तौबा कैसी
नाम है प्रेमी पागल तेरा, तो संग लागे नैन
वे सोनेया, वे सोनेया
मुझसे भला ये…
प्रेम-गली में होगा न बलमा, तुझसा दीवाना और कोई
चैन उड़ाना, नींद चुराना, सीखे ये तुझसे चोर कोई
ना ना, हां हां
गोरी, क्या है सैंया
हां, आप हूं मैं तो घायल तेरा, तड़पूं सारी रैन
नि सोनिए, नि सोनिए
छोड़ बेदर्दी आंचल…
चाहे पवन हो, चाहे किरण हो, छूने न दूंगा तेरा बदन
जलता है मन तो, मन में छुपा के, रख ले मुझे तू मेरे सजन
ना ना, हां हां
रानी, क्या है राजा
हां रूप, बरसता बादल तेरा, प्यासे मेरे नैन
नि सोनिए, नि सोनिए
छोड़ बेदर्दी आंचल…