फ़िल्म: सीमा / Seema (1955)
गायक/गायिका: लता मंगेशकर
संगीतकार: शंकर-जयकिशन
गीतकार: हसरत जयपुरी
अदाकार: नूतन, बलराज साहनी, शोभा खोटं
सुनो छोटी सी गुड़िया की लम्बी कहानी – 2
जैसे तारों की बात सुने रात सुहानी
सुनो छोटी सी …
जिसकी क़िस्मत में ग़म के बिछौने थे
आँसू ही खिलौने थे
दर्द की ख़ुशियाँ थीं दुख भरी अँखियाँ थीं
घर भी न था कोई और दर भी न था कोई
भरे आँचल में ग़म छिपाए आँखों में पानी
सुनो छोटी सी …
दिल में ये अरमान थे इक छोटा सा बंगला हो
चाँदी की दीवारें हो और सोने का जंगला हो
खेल हों जीवन के यहाँ मेल हों जीवन के – 2 हो
गया बचपन तो आँसू भरी आई जवानी
सुनो छोटी सी …
चाँद का डोला हो बिजली का बाजा हो
डोले पे रानी हो घोड़े पे राजा हो
प्यार के रस्ते हों और फूल बरसते हों – 2 हो
बनना चाहती थी इक दिन वो तारों की रानी
सुनो छोटी सी …
टूट गए पल भर में सपनों के मोती भी
लुट गई ज्योति भी
रह गए अन्धेरे उजड़े हुए सबेरे
बात यह पूरी थी फिर भी अधूरी थी – 2 हो
होगा अन्जाम क्या ख़बर कुछ भी न जानी
सुनो छोटी सी …
आई ख़ुशियाँ भी प्यार की रातों पर
इठलाती हवाओं पर
ग़म के हटे बादल चाँद बनी पायल
जम के बहारें आईं और झूम के लहराईं – 2 हो
हँसे आँचल में तारे रुत आई सुहानी
सुनो छोटी सी …
सच हुए आख़िर अरमान भरे सपने
गीत बनीं आहें और बन गए सब अपने
गैर की दुनिया और बन गए सब अपने
यह है जीवन की गति और दिल की जवानी
सुनो छोटी सी …
सुनो छोटी सी गुड़िया की कहानी